तीन हजार फीट की हाइट पर कुछ यूं नजर आते हैं एकदंत।
छत्तीसगढ़ में एक गणेश प्रतिमा लोगों के आश्चर्य का कारण है। वह इसलिए क्योंकि यह 3000 फीट ऊंची पहाड़ी पर बनाई गई है। इस पहाड़ी पर चढऩा बेहद मुश्किल भरा काम है। लगभग छह फिट ऊंची यह प्रतिमा सैकड़ों साल पुरानी है। इसे पुरातत्व विभाग ने खोजा है। लोग आश्चर्य इस बात पर करते हैं कि आखिर तीन सौ मीटर ऊंची पहाड़ी पर इसे क्यों बनाया गया, और आखिर इसे यहीं क्यों स्थापित किया गया।
दंतेवाड़ा में जिस जगह यह प्रतिमा स्थापित है उसे ढोल कल की पहाड़ी कहते हैं। दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय से 30 किमी की दूरी पर ढोल कल है। छत्तीसगढ़ के पुरातात्विक डॉ. हेमू यदु के मुताबिक 6 फीट ऊंची 21/2 फीट चौड़ी ग्रेनाइट पत्थर से निर्मित यह प्रतिमा वास्तुकला की दृष्टि से अत्यन्त कलात्मक है।
गणपति की इस प्रतिमा में ऊपरी दांये हाथ में फरसा, ऊपरी बांये हाथ में टूटा हुआ एक दंत, नीचे दांये हाथ में अभय मुद्रा में अक्षमाला धारण किए हुए तथा नीचे बांये हाथ में मोदक धारण किए हुए आयुध के रूप में विराजित है। पुरात्वविदों के मुताबिक इस प्रकार की प्रतिमा बस्तर क्षेत्र में कहीं नहीं मिलती है।

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